बिलकिस बानो रेप केस -गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने #BilkisBano मामले में 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को मंजूरी दी,गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया !
बिलकिस बानो रेप केस -गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने #BilkisBano मामले में 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को मंजूरी दी,गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया !
गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को उनकी 14 साल की सजा पूरी होने पर रिहा करने का फैसला किया क्योंकि उनका “व्यवहार अच्छा पाया गया” और यह केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद किया गया।
बिलकिस बानो मामले में दोषियों की समय पूर्व रिहाई के खिलाफ दायर याचिका के जवाब में सरकार ने कहा है कि याचिका न तो कानून में चलने योग्य है और न ही तथ्यों पर मान्य है। आगे यह तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं के पास सज़ा से छूट के आदेशों को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है।
#BREAKING Ministry of Home Affairs, Govt of India approved the premature release of 11 convicts in the #BilkisBano case as per letter dated 11.07.2022 issued to Gujarat Govt, says the affidavit filed by Gujarat Govt in Supreme Court#SupremeCourtOfIndia https://t.co/Ooq68dzTxS
— Live Law (@LiveLawIndia) October 17, 2022
गुजरात सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2022 को सज़ा से छूट दिए जाने के बाद, सभी दोषियों को गोधरा की एक जेल से रिहा कर दिया गया था।
यह अपराध, 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुआ था, जो बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और एक सांप्रदायिक हमले में उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या से संबंधित है। बिलकिस अपराध के बाद एकमात्र सर्वाइवर थीं। जांच सीबीआई को सौंप दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को गुजरात से महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया। 2008 में, मुंबई की एक सत्र अदालत ने सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए 11 लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था