फिल्म कलंक की कहानी कमजोर लेकिन, कपड़े और सेट पर खूब हुआ खर्च
फिल्म कलंक की कहानी कमजोर लेकिन, कपड़े और सेट पर खूब हुआ खर्च
कलंक नहीं इश्क है काजल पिया… ये सही बात हैं क्योंकि प्यार तो कलंक हो ही नहीं सकता। बस लोगों के ज़हन में प्यार की परिभाषा बदल जाती हैं। इसी तरह ही फिल्म कलंक में भी कुछ लोग प्यार की परिभाषा को नहीं समझ रहे हैं। फिल्म में एक बेहद ही दमदार डायलॉग कुछ रिश्ते कर्जों की तरह होते हैं, उन्हें निभाना नहीं चुकाना पड़ता है’। बस यहीं से बनती हैं फिल्म की स्टोरी। वरुण धवन, आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रॉय कपूर, माधुरी दीक्षित और संजय दत्त सभी लोग फिल्म में अपने रिश्ते का कर्ज चुका रहे हैं। निर्माता करण जौहर और निर्देशक अभिषेक वर्मन की फिल्म कलंक सीनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। अगर आप फिल्म देखने जा रहे है तो जान लिजिए कैसी है फिल्म कलंक, और कैसे हैं फिल्म कलंक के रिव्यू-
फिल्म की कहानी
कहानी एक शाही परिवार की है जहां 6 किरदार अहम है।
रूप (आलिया भट्ट)
सत्या (सोनाक्षी सिन्हा)
जफर (वरुण धवन)
बहार बेगम (माधुरी दीक्षित)
देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर)
फिल्म की कहानी आजादी से पहले 1940 की है। जहां एक शाही परिवार है। फिल्म में रूप (आलिया भट्ट) बिना इच्छा के अपनी बहनों का भविष्य को सुरक्षित करने के लिए देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर) से शादी करने के लिए हांमी भर देती हैं। वहीं देव चौधरी की पहली पत्नी सत्या (सोनाक्षी सिन्हा) को कैंसर हैं। सत्या मरने से पहले अपनी आखिरी ख्वाहिश में चाहती हैं कि देव चौधरी रूप से शादी कर लें। शादी हो जाती है लेकिन
कहानी 1940 के दशक में हुसैनाबाद में बेस्ड है, जहां रूप (आलिया भट्ट) की दुनिया उस वक्त अचानक बदल जाती है, जब वह अपनी बहनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अखबारनवीस देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर) से शादी करने को राजी हो जाती है। सुहागरात को देव रूप से कहता है कि इस रिश्ते में उसे इज्जत तो मिलेगी, मगर प्यार नहीं, क्योंकि प्यार वह सिर्फ अपनी पहली पत्नी सत्या से करता है। रूप गाना सिखने के लिए बहार बेगम (माधुरी दीक्षित) के कोठे पर जाती है जहां वो जफर (वरुण धवन) से मिलती हैं। दोनों मे इश्क पनपने लगता हैं। दिलफेंक जफर रूप से नजदीकियां बढ़ाकर प्यार की दुनिया बना लेता हैं। मगर वह रूप से यह बात साफ-साफ छिपा जाता है कि वह बहार बेगम और देव चौधरी के पिता बलवंत चौधरी (संजय दत्त) की नाजायज औलाद है।