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अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘बेहद भरोसेमंद’ और अच्छी तरह से रिसर्च के बाद तैयार की गई है-विलियम एक्मन

अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'बेहद भरोसेमंद' और अच्छी तरह से रिसर्च के बाद तैयार की गई है-विलियम एक्मन

अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिसर्च की रिपोर्ट पर बवाल मचा हुआ है. इस रिपोर्ट में अडानी समूह की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और साथ ही यह भी कहा गया है कि उनके शेयर 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूड हैं. वहीं, अडानी ग्रुप का कहना है कि रिपोर्ट पूरी तरह बकवास है और तथ्यहीन है. इस बीच, बिलेनियर इनवेस्टर विलियम एक्मन (Bill Ackman) ने रिपोर्ट का समर्थन किया है.

विलियम एक्मन ने कहा कि उन्होंने पाया है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट ‘बेहद भरोसेमंद’ और अच्छी तरह से रिसर्च के बाद तैयार की गई है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है, ‘हमने अडानी ग्रुप की किसी कंपनी में लॉन्ग या शॉर्ट इनवेस्टमेंट नहीं किया है. न ही हमने खुद से अपना कोई इंडिपेंडेंट रिसर्च किया है. इस इन्वेस्टमेंट एडवाइस नहीं समझा जाना चाहिए. मेरी नजर में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बेहद भरोसेमंद और अच्छी तरह से रिसर्च के बाद तैयार की गई है’.


 

 

रिसर्च फर्म Hindenburg का कहना है कि अडानी समूह की कंपनियों को लेकर कई ऐसे भी मामले हैं, जो जांच का विषय है. इसमें अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने लोन ले रखा है और शेयरों को गिरवी रखकर समूह की ग्रॉस फाइनेंशियल कंडीशन को जोखिम में डाला है. Hindenburg का दावा है कि इस रिसर्च रिपोर्ट को तैयार करने के लिए अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई लोगों से बातचीत की गई. इसके अलावा, वहीं, हजारों दस्तावेजों की जांच की गई. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि उसने यूएस ट्रेडेड बॉन्ड्स और नॉन-इंडियन ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए अडानी ग्रुप में शॉर्ट पोजिशंस ली है.

 

 

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