Marigold गेंदे के फूल की खेती कर कमाएं लाखों रुपये, लेकिन उसके पहले जानिए इससे जुड़ी सभी जानकारी पढ़िए जानी मानी प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीती खत्री का विशेष लेख ! प्रस्तुत है भाग -2
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गेंदे के फूल के कुछ ऐसे फायदे जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे
गेंदे का फूल सौंदर्य को बढ़ाने के लिए कई तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है। आइए जानें इसके सेहत से जुड़े कुछ ऐसे फायदों के बारे में जो आपने पहले नहीं सुने…
गेंदे का फूल बहुत ही आसानी से हर जगह मिल जाता है। त्वचा और बालों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ ये फूल स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। ये फूल बहुत ही आसानी से बढ़ते हैं, मज़बूती से फूलते हैं और कीटों को दूर रखते हैं। सिर दर्द, सूजन, दांत दर्द, घाव और कई त्वचा की समस्याओं जैसे औषधीय प्रयोजनों के लिए भी गेंदे के फूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, उन्हें खाना पकाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानें गेंदे के फूल के फायदों और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में।
गेंदे के फूल के औषधीय गुण:
सजावट से लेकर गेंदे के फूल का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है. गेंदे के फूल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दर्द में आराम दिलाने का काम करते हैं. घाव भरने में भी ये कारगर औषधि की तरह प्रभावी है. अगर किसी को अल्सर की समस्या है तो गेंदे के फूल की चाय पीना उसके लिए विशेषतौर पर फायदेमंद रहेगा.
गेंदे के फूल को गरीबों का केसर भी कहा जाता है. गेंदे के फूल का इस्तेमाल रंजक के रूप में भी किया जाता है.
त्वचा के घाव ठीक करे-
मैरीगोल्ड का उपयोग जलन, घाव और चकत्ते जैसी त्वचा की समस्याओं का इलाज करने के लिए किया गया है। जब त्वचा पर लगाया जाता है, तो यह सूजन, लालिमा, संवेदनशीलता, सूखापन और सूजन को कम करता है। इसकी पंखुड़ियों का लेप प्रभावित स्थान पर करने से घाव और जलन की समस्या से छुटकारा मिलता है। गेंदे के फूलों से बने मरहम का उपयोग घावों, सूखी त्वचा और फफोले के अलावा, सनबर्न और मुँहासे ठीक करने के लिए किया जा सकता है।
मधुमक्खी के काटने पर –
यदि कभी मधुमक्खी काट ले तो उसके डंक के असर को कम करने के लिए गेंदे का उपयोग लाभ दिलाता है। गेंदे के पत्ते को पीसकर डंक वाले स्थान पर लगाएं। इससे डंक के कारण होने वाला दर्द और उसका दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
कैंसर के लक्षणों को कम करे
गेंदे के फूलों में मौजूद फ्लेवोनोइड्स को कोलोन कैंसर, ल्यूकीमिया और मेलेनोमा कोशिकाओं के खिलाफ साइटोटॉक्सिक, एंटी इन्फ्लेमेट्री और निरोधात्मक गतिविधियों का प्रदर्शन करने के लिए पाया जाता है।
एंटिफंगल गुणों से भरपूर –
अपने एंटिफंगल गुणों के कारण गेंदे के फूलों का उपयोग योनि संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। चार हफ्तों के लिए कमर / जननांगों के प्रभावित क्षेत्र में लैक्टोबैसिलस स्पोरोजेन्स और लैक्टिक एसिड जैसे मैरीगोल्ड युक्त मरहम या क्रीम लगाने से दर्द, खुजली, पेशाब करते समय जलन और सूखापन जैसे कई लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करे –
गेंदे का फूल शरीर में जमा सभी विषाक्त पदार्थों को हटाकर शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में मदद करता है। यह डिटॉक्सिफिकेशन न केवल हमारे पाचन तंत्र को लाभ पहुंचाता है, बल्कि लिम्फ नोड्स की जलन और सूजन को कम करने में मदद करके लसीका प्रणाली को भी लाभ पहुंचाता है।
प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर –
बैक्टीरियल कान के संक्रमण का इलाज करने और दर्द को कम करने में मदद करने के लिए गेंदे के फूलों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। एक रिसर्च में यह पाया गया है कि गेंदे के फूल के रस की बूंदें कुछ मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बिना भी, कुछ ही दिनों के उपयोग के भीतर कान की सूजन और दर्द को कम कर सकती हैं।
मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा दिलाए –
गेंदा का फूल महिला प्रजनन प्रणाली में होने वाली प्रक्रियाओं के उचित विनियमन के लिए लाभ प्रदान करता है। ये फूल मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गेंदे के फूलों की चाय गैस्ट्राइटिस, एसिड रिफ्लक्स और अल्सर के इलाज के साथ-साथ पेट या मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने के लिए भी फायदेमंद है।
बवासीर के लिए फायदेमंद –
बवासीर के उपचार के लिए गेंदे का प्रयोग फायदेमंद होता है। इसके लिए 10 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च को एक साथ पीस लें। इसे पीने से बवासीर में लाभ होता है। इसके अलावा 5-10 ग्राम गेंदा के फूल को घी में भूनकर दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में होने वाले रक्तस्राव या खूनी बवासीर में फायदा मिलता है।
खांसी और जुकाम से राहत दिलाए-
गेंदे के फूलों का अर्क का कभी-कभी खांसी, गले में खराश या बुखार के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से से सभी समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं।
फटी एड़ियों का इलाज –
बिवाई के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है गेंदे के फूल का इस्तेमाल। जब हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी फट जाए तो गेंदे के फूल से फायदा मिलता है। गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर हाथों-पैरों पर मलें। इससे बिवाई और हाथों-पैरों का रूखापन दूर होता है।
दांतों के दर्द में फायदेमंद –
गेंदे के फूल का इस्तेमाल दांतों के लिए भी बेहद लाभकारी है। इसके पतरययोग से दांत दर्द से राहत मिलती है। 20-30 मिली गेंदे के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने से दांतों के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
इस तरह गेंदे के फूल का कई तरह से इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है और इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
गेंदे के फूल की चाय पीने के फायदेः
1. इम्यूनिटीः
गेंदे के फूल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. गेंदे की चाय के सेवन से कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है.
2. कब्जः
गेंदे के फूल से बनी चाय पीने से कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है, इससे पेट दर्द, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
3. डायबिटीजः
गेंदे के फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण टाइप 2 डायबिटीज में मददगार माने जाते हैं. गेंदे से बनी चाय के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.
4. दांत दर्दः
दांतों में दर्द की समस्या से परेशान हैं तो गेंदे से बनी चाय का कुल्ला करने से राहत मिल सकती है. दांत दर्द होने पर आपको बस इतना करना है गेंदे के फूल की चाय को हल्का ठंडा करके कुल्ला करें. मुंह में थोड़ी देर तक चाय रखें और थोड़ी देर बाद इसे मुंह से बाहर थूक दें. ऐसा करने से दांतों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है.
5. झुर्रियोंः
गेंदे के फूलों में फायटोकॉन्सटीटूएंट्स मौजूद होता है, जो एंटी एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. गेंदे के फूल की चाय के सेवन से झुर्रियों की समस्या को कम किया जा सकता है.
6. स्ट्रेसः
आज के समय में हर उम्र के लोगों में स्ट्रेस की समस्या देखी जा रही है. गेंदे के फूल में विटामिन ए एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं. गेंदे के फूल से बनी चाय का सेवन करने से स्ट्रेस कम किया जा सकता है.
गेंदे के फूल की चाय बनाने की विधिः
गेंदे के फूल की चाय बनाने के लिए आपको 5-6 गेंदे के फूल की आवश्यकता है. अब इन फूलों से पंखुड़ियों को अलग कर लें. फिर एक पैन में 2 गिलास पानी डालकर पंखुड़ियों को डालें और उबाल आने दें. जब पानी अच्छे से उबल जाए और पानी एक कप बचे तो गैस बंद दें. आप इसमें स्वाद के लिए शहद को एड कर सकते हैं. आप इसे गर्म और ठंडा अपने हिसाब से पी सकते हैं.
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