खास रिपोर्ट

प्रोटीन क्या है, क्यों प्रोटीन है जरूरी, प्रोटीन पर ये लेख इसको लिखा है प्रीति खत्री ने !

प्रोटीन क्या है, क्यों प्रोटीन है जरूरी, प्रोटीन पर ये लेख इसको लिखा है प्रीति खत्री ने !

 

प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है।

शरीर को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन जरूरी है

शरीर में प्रोटीन की कमी से रोग इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. प्रोटीन की कमी से बाल और नाखून भी टूटने लगते हैं. जानिए शरीर के लिए क्यों फायदेमंद है प्रोटीन और प्रोटीन की कमी के लक्षण
प्रोटीन हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए जरूरी है. मसल्स, स्किन, एन्जाइम्स और हॉर्मोंस के लिए एक बिल्डिंग ब्लॉक के रुप में प्रोटीन काम करता है. प्रोटीन के सेवन से बॉडी टिश्यू का निर्माण करने में मदद मिलती है. एक सर्वे की मानें तो पूरी दुनिया में करीब 1 अरब लोग प्रोटीन की कमी से प्रभावित है. बचपन में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है. वहीं उम्र बढ़ने के साथ बूढ़ों और किसी बीमारी से ग्रसित लोगों में भी प्रोटीन की कमी होने लगती है. प्रोटीन के सेवन से शरीर को एनर्जी मिलती है. अगर शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाए तो आप दिन भर थकान, शरीर और जोड़ों में दर्द महसूस करते हैं. प्रोटीन की कमी से बाल और नाखूनों से जुड़ी समस्या भी होने लगती है. हमारे शरीर में कई तरह के एंजाइम, रसायन और हार्मोन को बनाने में भी प्रोटीन मदद करता है. शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर काफी परेशानी होने लगती है. जानते हैं शरीर के लिए प्रोटीन क्यों है फायदेमंद और प्रोटीन की कमी होने पर शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं.
‘किसी वयस्क को रोजाना शरीर के प्रति किलोग्राम भार के मुताबिक 1 ग्राम प्रोटीन की ज़रूरत होती है। इससे कम प्रोटीन लेने से रोजमर्रा के कामकाज करने में कठिनाई होती है।


प्रोटीन के स्रोत

प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए शाकाहारी लोग दूध, हरी पत्तेदार सब्जियों और दालों इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। जबकि नॉन वेज खाने वाले लोग अंडे, मछली और चिकन का भी सेवन कर सकते हैं।
बहुत से लोग शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दवाओं या फिर सप्‍लिमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, ज्यादा बेहतर होगा कि प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए आप दवाओं के बदले प्राकृतिक स्रोतों का इस्तेमाल करें।
सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। दूध, पनीर और दही भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। फलियां, अखरोट आदि का भी भरपूर मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
कितने प्रोटीन की आवश्यकता होती
प्रोटीन की आवश्यकता आपके भार और आपके कैलोरी की मात्रा पर निर्भर करती है। आपकी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। अगर आप प्रतिदिन 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आना चाहिए।

ऐसे बनता है प्रोटीन

प्रोटीन अमीनो एसिड से बनता है। अमीनो एसिड 20 तरह के होते है, जो हमें फ्रूट्स, वेजिटेबल्स, एग्स, मीट, आदि से मिलते हैं। दालें और ड्राई फ्रूट्स भी प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इसलिए इनका हमारी डेली डायट में शामिल होना बेहद जरूरी है।
-प्रोटीन का निर्माण अलग-अलग तरह के अमीनो एसिड्स से मिलकर होता है। ये अलग-अलग तरह के अमीनो एसिड्स अलग-अलग तरह का प्रोटीन बनाते हैं। यानी प्रोटीन भी किसी एक प्रकार का नहीं होता, इसके भी कई टाइप होते हैं। जो हमें अलग-अलग फूड्स के जरिए मिलते हैं।

प्रोटीन से मिलने वाले फायदे

1- मांसपेशियों का निर्माण- मांसपेशियों के निर्माण और शेप देने के लिए भी प्रोटीन की जरूरत होती है. वेट लॉस के दौरान मांसपेशियों को कमजोर होने से बचाने के लिए भी प्रोटीन की जरूरत होती है. वर्कआउट के दौरान मांसपेशियों में होने वाले डैमेज को रोकने में प्रोटीन मदद करता है.
2= तुरंत एनर्जी- शरीर को कार्बोहाइड्रेट और फैट से एनर्जी मिलती है, लेकिन अगर आप वजन कम करने के लिए कैलोरी कम ले रहे हैं तो आपके शरीर को प्रोटीन से भरपूर एनर्जी मिल जाती है. प्रोटीन शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता है. 
3- हड्डियों को मजबूत बनाए- प्रोटीन से आपकी हड्डियों की सेहत में सुधार आता है. प्रोटीन से ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम होती है. हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने और मजबूत बनाने में भी प्रोटीन मदद करता है.
4- इम्यूनिटी बढ़ाए- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन और एमिनो एसिड जरूरी हैं. इनसे इम्यून सिस्टम में टी सेल्स, बी सेल्स और एंटीबॉडी बनाते हैं जो बॉडी को इंफेक्शन से बचाते हैं. 
5- जल्दी भूख नहीं लगती- प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से जल्दी भूख नहीं लगती हैं. इससे बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती है. प्रोटीन आपके दिमाग और पेट को भी अच्छा रखता है. 
6- फैट बर्न करने में मदद करे- प्रोटीन शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का काम करता है. अगर आप दिनभर में काफी कैलोरी बर्न करते हैं तो आपको प्रोटीन सही मात्रा में लेना चाहिए. प्रोटीन से फैट बर्न करने में मदद मिलती है. 
7- दिल को बनाए हेल्दी- कई रिसर्च में पता चला है कि प्रोटीन खाने से ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है. ये LDL या बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है, जिससे हार्ट की बीमारियां कम होती हैं.
8- घाव जल्दी भरता है- शरीर में प्रोटीन से मांसपेशियों और अंगों के निर्माण में मदद मिलती है. प्रोटीन से शरीर के घाव तेजी से भरते हैं. प्रोटीन से सूजन कम होती है और चोट के घाव जल्दी भरते हैं. 

प्रोटीन की कमी के लक्षण

1- प्रोटीन की कमी की वजह से बाल रूखे, बेजान और झड़ने लगते हैं.

2- शरीर में प्रोटीन की कमी से चेहरे, त्वचा, पेट में सूजन होने लगती है.

3- मांसपेशियों में प्रोटीन की कमी होने पर मसल्स में दर्द होने लगता है. 

4- प्रोटीन की कमी से मांसपेशियां हड्डियों से प्रोटीन सोख लेती हैं. जिससे हड्डियां कमजोरी हो जाती है.

5- प्रोटीन की कमी से शरीर में बहुत थकान और कमजोरी रहती है. शरीर में एनर्जी की कमी रहती है. 

6- प्रोटीन और कैल्शियम की कमी से नाखून टूटने लगते हैं और नाखून संक्रमित हो जाते हैं. 

7- प्रोटीन की कमी से शरीर फूला हुआ और मोटा लगने लगता है. शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती जिससे शरीर को उर्जा बनाने में ज्यादा प्रेशर लगता है.

8- प्रोटीन की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और आप जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं.

9- प्रोटीन की कमी से बच्चों की लंबाई रुक जाती है इसलिए बच्चों के खाने में प्रोटीन जरूर शामिल करें.

10-  प्रोटीन की कमी से शरीर में नई कोशिकाएं नहीं बनती हैं. और कोशिकाओं की हीलिंग में भी समय लगता है.
इन बीमारियों में नहीं लेनी चाहिए प्रोटीन डायट
-जिन लोगों को प्रोटीन से एलर्जी होती है, उन्हें ऐसी डायट लेने से बचना चाहिए।
-क्रॉनिक किडनी डिजीज से गुजर रहे मरीजों को प्रोटीन रिच डायट नहीं लेनी चाहिए।
-अगर बच्चे को फिनायलकिटोन्यूरिया (Phenylketonuria)नामक बीमारी है तो भी बच्चे को प्रोटीन डायट नहीं देनी होती है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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