कमज़ोर प्रधानमंत्री की कमज़ोर विदेश नीति, तालिबान पर से आतंकी का टैग हटा लिया गया है और भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया !
इंदौर में एक मुस्लिम युवक को तालिबान समर्थक होने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था. अब तो भारत सरकार खुद तालिबान का समर्थन कर रही है !
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की अध्यक्षता में एक बैठक हुई और फ्रांस की तरफ से एक प्रस्ताव पेश किया गया ! बैठक के प्रस्ताव के अनुसार तालिबान पर से आतंकी का टैग भी हटा लिया गया है और भारत समेत 13 देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया ।प्रस्ताव के दौरान पांच बार तालिबान का नाम लिया गया लेकिन एक बार भी इस संगठन की निंदा नहीं की गई।पेश प्रस्ताव में इस बात की कहीं भी चर्चा नहीं की गई कि अगर तालिबान बाधा डालता है तो उसको क्या सज़ा दी जाएगी।
तालिबानी दबाब झेल नही पा रही मोदी सरकार
बैठक में वीटो पावर वाले रूस और चीन ने इस प्रस्ताव पर दूरी बना ली। इन दोनों देशों ने न तो पक्ष में वोट किया और न ही विपक्ष में। रूस के प्रतिनिधि ने दूरी बनाने को लेकर सफाई दी और कहा इस प्रस्ताव में न तो आतंकवाद पर पर्याप्त बात है और न ही मानवता और आर्थिक दृष्टि से सभी बातों को शामिल किया गया है।1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार थी लेकिन भारत की सरकार ने तालिबान को कभी मान्यता नहीं दी.तो क्या मोदी सरकार की विदेश नीति तालिबानी दबाब झेल नही पा रही ?