राफेल सौदे के जवाब अभी मिले नहीं की अमेरिका के साथ हुए ड्रोन सौदे की क़ीमतों पर भी लगा बड़ा सवालिया निशान ! कांग्रेस ने मामले में पूरी पारदर्शिता की मांग की !
राफेल सौदे के जवाब अभी मिले नहीं की अमेरिका के साथ हुए ड्रोन सौदे की क़ीमतों पर भी लगा बड़ा सवालिया निशान ! कांग्रेस ने मामले में पूरी पारदर्शिता की मांग की !
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में करोड़ों रुपये के भारत-अमेरिका ड्रोन सौदे में पूरी पारदर्शिता की बुधवार को मांग की और आरोप लगाया कि 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर यूएवी ड्रोन ऊंची कीमत पर खरीदे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार राष्ट्रीय हितों को खतरे में डालने के लिए जानी जाती है और भारत के लोगों ने राफेल सौदे में भी यही देखा है, जहां मोदी सरकार ने 126 के बजाय केवल 36 राफेल जेट खरीदे। हमने यह भी देखा कि कैसे एचएएल को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से वंचित कर दिया गया। हमने यह भी देखा कि रक्षा अधिग्रहण समिति और सशस्त्र बलों की व्यापक आपत्तियों के बावजूद कैसे कई एकतरफा निर्णय लिए गए। राफेल ‘घोटाला’ फ्रांस में अब भी जांच के दायरे में है।’’
उन्होंने कहा,रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के साथ हुए ड्रोन सौदे में मूल्य घटक के साथ अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर सोशल मीडिया में साझा की जा रही रिपोर्ट को खारिज करते हुए रविवार को कहा था कि भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद के लिए कीमत एवं अन्य शर्तों को अभी तय नहीं किया है।
आपने पहले 'रुस्तम' और 'घातक' ड्रोन डेवलपमेंट के लिए DRDO को 1786 करोड़ रुपए दिए, फिर अमेरिका को भी 25 हजार करोड़ दे आए।
जबकि अमेरिका के ये ड्रोन आउटडेटेड टेक्नोलॉजी वाले हैं और बिना ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मिलेंगे।
यानी आप कबाड़ भी सस्ते के बजाए महंगे दाम पर खरीद रहे हैं।… pic.twitter.com/mbYicVsMDi
— Congress (@INCIndia) June 28, 2023
उन्होंने कहा, भारत के लोगों को 31 एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन) हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (एचएएलई) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के लिए 3.072 अरब डॉलर (मौजूदा रूपांतरण स्तर पर 25,200 करोड़ रुपये) के सौदे पर जवाब चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन सौदे को मंजूरी देने के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक क्यों नहीं हुई?
आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने ड्रोन खरीद समझौते को मंजूरी दी थी।