उत्तरप्रदेशराष्ट्रीय

दिल्ली मे सुरक्षा के मद्देनजर NSA अजीत डोभाल ने हिंसा ग्रस्त इलाकों का किया दौरा

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने मंगलवार रत पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक के साथ उन इलाकों का दौरा किया, जहां पर हिंसा भड़की थी. अजित डोवल सबसे पहले पुलिस कमिश्नर के साथ नॉर्थ ईस्ट जिले के डीसीपी ऑफिस पहुंचे.

यहां पुलिस के अन्य आला अधिकारी, गृह मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इन अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद अजीत डोभाल ने जाफराबाद, मौजपुर, कबीर नगर, भजनपुरा, करावल नगर, गोकुलपुरी और चांद बाग आदि इलाकों का दौरा किया. जिसके बाद वे फिर एक बार वापस डीसीपी ऑफिस गए और फिर वहां से लौट गए.

स्पेशल कमिश्नर लॉ & आर्डर नियुक्त, CBSE की परीक्षाएं पोस्टपोन

1985 बैच के IPS अधिकारी एस एन श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस का स्पेशल कमिश्नर लॉ & आर्डर तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया गया है. नार्थ ईस्ट दिल्ली में मंगलवार सुबह 8 से रात 8 बजे तक फायर की कुल 70 घटनाएं हुई. 5 फायर वेहिकल्स पर पथराव और डैमज हुए. पथराव में एक फायर ऑफिसर घायल हो गया. इलाके के कुल 86 सेंटर्स में आज होने वाली सीबीएसई की परीक्षाएं पोस्टपोन कर दी गई हैं. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि नार्थ ईस्ट जिले में स्कूल बुधवार यानि आज बंद रहेंगे

हिंसा को लेकर अमित शाह ने मैराथन बैठकें कीं

दिल्ली में हुई हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह लगातार दिल्ली पुलिस से अपडेट लेते रहे. 24 जनवरी को रात 10 बजे से 12.30 बजे तक बैठक की

दिल्ली पुलिस कमिश्ननर, गृह सचिव, आईबी के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे. इसके बाद भी दिल्ली में हिंसा नहीं थमी. गृहमंत्री ने एक बार फिर दोपहर करीब 12 बजे बैठक की.

इस बैठक में बीजेपी, कांग्रेस के प्रतिनिधि भी बुलाए थे और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए. मंगलवार को दोपहर में हुई बैठक के बाद भी गृह मंत्री अमित शाह ने तीसरी बैठक की. इस बैठक में. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव, गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे. सूत्रों ने ये भी दावा किया बैठक शाम 7 बजे शुरू हुई और 10 बजे तक चली.

दिल्ली पुलिस पर नाकामी का आरोप, फोर्स की कमी की बात भी उठी

दिल्ली के जिन इलाकों में हिंसा फैली उसमें मुस्तफाबाद भी शामिल है. करावल नगर के पास मुस्तफाबाद में भी हिंसा की वजह से भारी नुकसान हुआ. अब पुलिस मुस्तैद है ताकि हिंसा की नई घटना ना घट सके, हालांकि इस हिंसा ने 13 लोगों की जान ले ली. दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस पर आरोप लगा रही है कि पुलिस की नाकामी से हिंसा बढ़ी. पुलिस दावा कर रही है कि हिंसा से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस पूरी तरह तैयार है.

दिल्ली पुलिस कह रही है कि उनके पास फोर्स की कमी नहीं है. दिल्ली में 91,963 जवानों की जरूरत है जबकि दिल्ली पुलिस में 82,190 जवान ही हैं. 249 लोगों पर एक पुलिस वाले की जरूरत लेकिन फिलहाल एक पुलिस वाले पर 279 लोगों की जिम्मेदारी है. 2018 में 7144 जवान VVIP सुरक्षा में लगे रहे.

दिल्ली की सुरक्षा में लगे ज्यादातर जवानों की शिकायत है कि उन्हें 14 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ी है. आधे से ज्यादा जवानों को वीक ऑफ नहीं मिलता.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×