स्वास्थ्य

कड़ी मेहनत के बाद भी कम नहीं हो रहा बैली फैट? बेली फैट क्यों बढ़ता है ? इसे कम करने के उपाय पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीति खत्री का विशेष लेख !

कड़ी मेहनत के बाद भी कम नहीं हो रहा बैली फैट? बेली फैट क्यों बढ़ता है ? इसे कम करने के उपाय पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीति खत्री का विशेष लेख !

 

अगर आप बेली फैट कम करने की सोच रहे हैं तो पहले उसके प्रकार के बारे में जरूर जान लें।

कई बार आप बेली फैट को जितना कम करने की सोचते हैं, वह उतना ही बढ़ जाता है। इसके पीछे का कारण आपको समझ नहीं आता है। इसके लिए आपको बेली फैट के प्रकारों के बारे में पता होना चाहिए।

बैली फैट क्यों होता है?

पेट के आसपास चर्बी हद से ज्यादा जमा हो, तो यह खतरनाक बीमारियों के होने का कारण बन सकता है। कुछ मुख्य कारण आप भी जान लें, जो पेट पर अतिरिक्त चर्बी यानी बेली फैट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं…
पेट पर चर्बी जमा होने से आजकल अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। थोड़ी-बहुत चर्बी जमा होना अधिक नुकसानदायक नहीं होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कमर और पेट पर निश्चित मात्रा में चर्बी हो, तो यह कुशन की तरह हमारी हड्डियों की सुरक्षा करता है। यदि चर्बी हद से ज्यादा जमा हो जाए, तो यह खतरनाक बीमारियों के होने का कारण बन सकता है। कुछ मुख्य कारण आप भी जान लें, जो पेट पर अतिरिक्त चर्बी यानी बेली फैट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं…

अनुवांशिक कारण

शोध के अनुसार, यदि पेरेंट्स या परिवार का कोई अन्य सदस्य मोटापे का शिकार हो तो यह समस्या आने वाली पीढ़ी को भी हो सकती है। शरीर में कुछ फैट सेल अनुवांशिक तौर पर विकसित होते हैं।

पाचन तंत्र का कमजोर होना
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, पाचन तंत्र अपना काम ठीक से करना बंद कर देता है। इससे भी कई बार पेट की चर्बी बढ़ती है। पाचन तंत्र खराब होने से थायरॉइड और शुगर जैसी समस्याएं भी शरीर को घेर लेती हैं।

हार्मोन में बदलाव
महिलाओं में उनके जीवन के मध्य पड़ाव यानी 40 की उम्र के आसपास आने पर शरीर के वजन के मुकाबले चर्बी तेजी से बढ़ती है। मेनपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम और एंड्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है। इन दोनों कारणों से भी कमर और पेट की चर्बी अधिक हो जाती है।

तनाव ग्रस्त रहना
शरीर में चर्बी का बढ़ना कई बार तनाव ग्रस्त रहने से भी होता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो रक्त में कोर्टिसोल का स्तर अधिक हो जाता है। कोर्टिसोल शरीर में वसा का स्तर बढ़ाता है, जिससे वसा कोशिकाएं बड़ी हो जाती हैं। आमतौर पर इस स्थिति में चर्बी पेट के आसपास ही बढ़ती है।

लगातार बैठकर काम करना
आज लोगों की शारीरिक गतिविधियां काफी हद तक कम हो गई हैं। लगातार बैठकर काम करना, बैठे-बैठे टीवी देखना, एक्सराइज ना करना ये सभी कुछ ऐसी आदतें हैं, जो बेली फैट को बढ़ाती हैं। समय निकालकर एक्सरसाइज करने की जगह लोग टीवी देखना या फिर कंप्यूटर पर काम करना अधिक पसंद करते हैं। खाली समय में शारीरिक रूप से एक्टिवर रहने की बजाय सोशल मीडिया पर चिपके रहते हैं। परिणामस्वरूप, शरीर में चर्बी का स्तर बढ़ने लगता है।

अधिक खाना
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो दिनभर कुछ न कुछ उल्टा-सीधा खाते रहते हैं। कभी-कभी काम के दबाव या तनाव में अधिक खा लेते हैं। एक ही जगह बैठकर काम करते रहते हैं। जाहिर सी बात है कि आपकी इस आदत से कमर व पेट के आसपास चर्बी बढ़ेगी।

कितने तरह की होती है पेट की चर्बी

पेट की चर्बी के प्रकार उसके पीछे के कारण पर निर्भर करते हैं. यह अन्य शारीरिक समस्याओं का संकेत भी हो सकती है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
हॉर्मोनल बेली

जब शरीर में मौजूद विभिन्न हॉर्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो आपके पेट पर फैट बढ़ने लगता है. इसे हॉर्मोनल बेली कहा जाता है. हॉर्मोनल बेली फैट से छुटकारा पाने के लिए आपको डॉक्टर की मदद से हॉर्मोन संतुलित करने चाहिए और अनहेल्दी फूड का सेवन नहीं करना चाहिए.
2. ब्लोटेड बेली
जंक फूड व ढंग से ना खाना, खाकर सो जाना आदि कारणों से पेट फूलने की समस्या हो सकती है. जिसके कारण आपको लगता है कि आपका पेट बढ़ रहा है. इससे छुटकारा पाने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें, स्वस्थ आहार ले, सोने से दो घंटे पहले खाना खा लें.
3. स्ट्रेस बेली
जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है. इसके कारण पेट के आसपास फैट जमा होने लगता है और मोटापा बन सकता है. पेट की चर्बी के इस प्रकार से छुटकारा पाने के लिए तनाव दूर करें. आप डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं और मेडिटेशन की मदद लें.
4. लो बेली

पेट की चर्बी लो बेली तब कहलाती है, जब आपके शरीर का ऊपरी हिस्सा पतला रहता है और सिर्फ पेट पर चर्बी होती है. इस प्रकार का बेली फैट खराब जीवनशैली और पाचन समस्याओं के कारण होती है. लो बेली से छुटकारा पाने के लिए आप फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें और हरी सब्जियों का सेवन करें. इसके साथ एक्सरसाइज करना ना भूलें.

5. मॉमी बेली
मॉमी बेली मां बनने के बाद आती है. शिशु को जन्म देने के बाद भी आपका पेट ऐसा मोटा लगता है, जैसे आप अब भी गर्भवती हैं. इस प्रकार के बेली फैट को जाने में समय लगता है, इसलिए परेशान ना हों. पर्याप्त आराम लें. हेल्दी डायट लें और कुछ योगासन व एक्सरसाइज करें.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
ऐसे फैक्टर्स जो आपके पेट की चर्बी को बढ़ा सकते हैं
पेट की चर्बी न सिर्फ आपके लुक पर सेंध लगाती है, बल्कि ये आपके स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ सकती है. ये जिद्दी आंत के फैट का एक समूह है जो बेहद चिंताजनक है.

आप में से जिन लोगों ने पेट की चर्बी से छुटकारा पाने के लिए हर संभव कोशिश की है, उन्हें अब तक पता चल गया होगा कि ये इतना आसान नहीं है. इसमें समर्पण और दृढ़ संकल्प शामिल है और बहुत सारे बलिदानों की भी मांग कर सकता है.

लेकिन बाकी सब चीजों से पहले, आइए पहले समझते हैं कि हम पेट की चर्बी क्यों हासिल करते हैं. क्या हमें इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाता है और इसे रोकने या खोने के लिए हम क्या कर सकते हैं.
1. ट्रांस फैट बेहद अस्वस्थ
फैट खाना आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात ये जानना है कि आपके लिए कौन से फैट सही हैं. उदाहरण के लिए, ट्रांस फैट सबसे अनहेल्दी फैट में से एक है, जो न केवल पेट की चर्बी की ओर जाता है, बल्कि आपके संपूर्ण शरीर के वजन को भी बढ़ाता है.
इसके अलावा, ये आपको पुरानी बीमारियों जैसे हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर और बहुत कुछ के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना सकता है. ट्रांस फैट पके हुए माल और पैकेज्ड प्रोडक्ट्स में पाया जा सकता है.
इसलिए, पेट की चर्बी कम करने के लिए, आपको उन फूड्स में कटौती करनी चाहिए जिनमें ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है. इसके बजाय साबुत अनाज प्रोडक्ट्स पर स्विच करें, जो फाइबर और सब्जियों से भरपूर होते हैं जिनमें बहुत सारे पोषक तत्व और मिनरल्स होते हैं.

2. शराब से पेट की चर्बी हो सकती है
जब पेट की चर्बी की बात आती है, तो शराब का सेवन एक योगदान करने वाला फैक्टर हो सकता है. अक्सर, अल्कोहल को ‘खाली’ कैलोरी कहा जाता है, जिसका मतलब है कि वो केवल आपके शरीर को कैलोरी प्रदान करते हैं, लेकिन कोई पोषक तत्व नहीं.
ये ज्यादा आंत में फैट एक्यूमुलेशन और एक हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को जन्म दे सकता है.
अगर आप पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं और अगर आप शराबी हैं, तो आपको जल्द ही रुक जाना चाहिए या कम से कम धीरे-धीरे रोकने की कोशिश करनी चाहिए.
डिजीज कंट्रोल और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, महिलाओं को हर दिन केवल एक ड्रिंक पीना चाहिए, जबकि पुरुष हर दिन दो ड्रिंक पी सकते हैं या बिल्कुल नहीं.
अपनी प्यास बुझाने के लिए शराब का सहारा लेने के बजाय पानी का सहारा लें. ये न केवल आपको भरा हुआ महसूस कराएगा, बल्कि अल्कोहलिक ड्रिंक के विपरीत, ये आपको लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखेगा.

3. एक गतिहीन जीवन शैली आपको पेट की चर्बी होने की ज्यादा संभावना बना सकती है
अगर आप अपने पैरों पर नहीं खड़े होते हैं और कुछ फिजिकल एक्टिविटी में इंगेज होते हैं, तो पेट की चर्बी कम करना तकरीबन असंभव है.
नियमित कसरत और व्यायाम ही आपको साइज में रखता है और आपको अपनी कमर के आस-पास फैट के स्टोरेज को सीमित करने की अनुमति देता है.
भले ही इसका मतलब छोटी-छोटी चहलकदमी करना ही क्यों न हो, क्योंकि ये निष्क्रिय रहने से बेहतर है.
एब-सेंट्रिक वर्कआउट का सहारा लें जो घर पर करना आसान हो. एक बार में सब अंदर न जाएं. इसके बजाय, अपने शरीर को रिजॉर्ट करने के लिए कुछ समय दें और सुनिश्चित करें कि आप कंसिस्टेंट हैं.

4. शुगर वाले फूड्स और ड्रिंक
आपकी आहार संबंधी आदतें आपके स्वास्थ्य और वजन को भी प्रभावित कर सकती हैं. अगर आप बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करते हैं, तो आपको एक्स्ट्रा पेट की चर्बी डेवलप होने का खतरा होता है, जिससे ‘बीयर गट्स’ हो जाती है.
ये देखते हुए कि शुगर वाले फूड्स और ड्रिंक्स, रिफाइंड कार्ब्स को एनर्जी के लिए बर्न करना कठिन होता है, ये आखिरकार फैट के रूप में जमा हो जाता है.
शुगर क्रेविंग को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि हेल्दी कार्ब्स, सभी फूड्स खाएं, ढेर सारा पानी पिएं, ताकि तृप्त किया जा सके. नेगेटिव कैलोरी वाले फूड्स का सहारा लें जो आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए हेल्दी और ग्रेट हों.

5. तनाव और नींद की कमी
स्टडीज ने सुझाव दिया है कि तनाव और चिंता से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन हो सकता है, जो बदले में आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है.
मेटाबॉलिज्म की कम दर के साथ, आपका वजन कम होने या आपके पेट की चर्बी कम होने की संभावना काफी कम हो जाती है.
इसके अलावा, बहुत कम नींद आपके कोर्टिसोल को बढ़ा सकती है और हाई कैलोरी वाले फूड्स के लिए आपकी क्रेविंग भी बढ़ा सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है, खास तौर से पेट की चर्बी में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
अगर आप पेट की चर्बी से छुटकारा पाना चाहते हैं और हेल्दी वजन बनाए रखना चाहते हैं, तो अपने तनाव के लेवल को मैनेज करना बेहद महत्वपूर्ण है. इसके अलावा आपको रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद का सहारा लेना चाहिए.

6. ऐसे फूड्स खाना जिनमें फाइबर की मात्रा कम हो
फाइबर वाले फूड्स बहुत जरूरी हैं, खासकर जब आप अपने पेट में आंत की चर्बी से छुटकारा पाना चाहते हैं और अपने पेट को फ्लैट करना चाहते हैं.
कम फाइबर वाला डाइट हाई कैलोरी वाले फूड्स के लिए आपकी लालसा या भूख पर रोक लगाने में सक्षम नहीं हो सकता है, जिससे आप जरूरत से ज्यादा खा सकते हैं.
इसके अलावा, अगर आपके शरीर में पर्याप्त फाइबर नहीं है, तो आपको अपने पाचन तंत्र में समस्या होने की संभावना है.
हाई फाइबर वाले आहार में साबुत अनाज, नट्स, ओट्स, हरी सब्जियां, बीन्स, दाल और हाइड्रेटिंग फल जैसे फूड्स होते हैं. इन फूड्स को खाने से आपको कंप्लीट महसूस करने में मदद मिलेगी, अनहेल्दी फूड्स पर दावत देने की आपकी इच्छा सीमित होगी.

7. आपके जीन भी एक कॉन्ट्रीब्यूटिंग फैक्टर हो सकते हैं
आपके जीन बहुत कुछ डिफाइन कर सकते हैं कि आप कैसे दिखते हैं, आप किस तरह की शारीरिक बीमारियों का विकास करते हैं और भी बहुत कुछ.
साथ ही, जब बेली फैट की बात आती है, तो आपके जीन भी इसकी एक संभावित वजह हो सकती है. रिसर्च से पता चलता है कि कुछ जीन लेप्टिन की रिलीज और एक्शन को प्रभावित कर सकते हैं, एक हार्मोन जो वजन मैनेजमेंट और एपेटाइट रेग्यूलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
जबकि इसकी पुष्टि के लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है, जेनेटिक्स ये निर्धारित कर सकती है कि आपका शरीर पैट को कहां जमा करेगा, जिससे आपके पेट की चर्बी का खतरा बढ़ जाएगा.
बेली फैट क्यों बढ़ता है 
शरीर में लेप्टिन हार्मोन पाया जाता है, जो खाना खाने के बाद पेट भरने का मैसेज देता है। अगर आपके शरीर में लेप्टिन की कमी होती है, तो संभव है कि आपको देर से पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप ज्यादा खाना खाएंगे। ज्यादा खाने की वजह से भी बैली फैट बढ़ता है। खाने में ज्यादा वाइट ब्रेड, चिप्स, मिठाई और शरबत में ज्यादा चीनी के इस्तेमाल करने से एक्सरसाइज करने के बाद भी पेट का मोटापा कम नहीं होता है। 

 बेली फैट कम करने के घरेलू उपाय 

त्रिफला
त्रिफला, हरड़, बेहड़ा और आंवले से मिलकर बनता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को डिटॉक्सिफाई कर सभी विषाक्त पदार्थों को फ्लश आउट कर देता है। यह पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक कर बेली फैट को घटाने में मदद करता है। 
मेथीदाना 

मेथी में गैलक्टोमेनान तत्व मौजूद होता है, जो घुलनशील घटक है। बेली फैट कम करने के लिए आप अपने रूटीन में मेथी दाने का पानी शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है।
 
दालचीनी

बेली फैट को कम करने के लिए आप सुबह के समय दालचीनी से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, आप चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करें। औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी तेजी से फैट को बर्न करने में मदद करती है।

शेष अगले भाग में

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