आतंकवादी हिंदू और मुसलमान को बांटना चाहते थे कामयाब नहीं हुए ; अब यह काम कश्मीर फाइल्स कर रही पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाय. कुरैशी
उत्तर प्रदेश में योगी की जीत सांप्रदायिकता की ही जीत है।हालात ये हैं कि दो बच्चे भी आमने-सामने लड़ रहे हों तो उसे पोलराइजेशन करार दिया जाता है।
देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाय. कुरैशी ने दैनिक भास्कर से बात की उन्होंने मुसलमानों की आबादी, एक से ज्यादा शादियां, तीन तलाक, लव जिहाद, हिजाब और कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बड़ी बेबाकी से जवाब दिया पेश है कुछ चुनिंदा अंश..
सवाल: कश्मीरी पंडित-मुसलमानों से जुड़े विवाद को सच मानते हैं?
जवाब: पंडितों के साथ ज्यादती हुई ये सच है, लेकिन पंडितों को मारा तो मुसलमानों को भी मारा। मानवता से मतलब होना चाहिए, मजहब से नहीं। ये तो वही हुआ कि जो काम आतंकवादी करना चाहते थे, वो काम अब ये फिल्म कर रही है। जनता को बांट रही है।
सवाल:योगी की जीत लोकतंत्र की जीत है या सांप्रदायिकता की?
जवाब: उत्तर प्रदेश में योगी की जीत सांप्रदायिकता की ही जीत है। पोलराइजेशन पिछले 20 सालों से चुनावी हथकंडा है। हालात ये हैं कि दो बच्चे भी आमने-सामने लड़ रहे हों तो उसे पोलराइजेशन करार दिया जाता है।
सवाल: हम पोलराइजेशन के फेस से गुजर रहे हैं, ये कैसे तय होगा?
जवाब: जब बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान मुसलमान देश बना, लेकिन भारत हिंदू देश नहीं सेक्युलर देश बना। तब सब कुछ सामान्य हो गया, तो उम्मीद करता हूं अभी का वक्त भी निकल जाएगा।
सवाल: हिजाब क्या कुरान का हिस्सा है, क्या इस पर विवाद सही है?
जवाब: हिजाब जरूरी है या नहीं ये जज साहब थोड़े ही बताएंगे ये मौलाना बताएंगे। मौलाना IPC के फैसले देने लगें तो क्या ये सही होगा?
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