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कुर्मी/कुड़मियों का आंदोलन तेज़ दिल्ली में संसद भवन का घेराव कर केंद्र सरकार से की ST में शामिल करने की मांग !

कुर्मी/कुड़मियों का आंदोलन तेज़ दिल्ली में संसद भवन का घेराव कर केंद्र सरकार से की ST में शामिल करने की मांग !

कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोमवार को टोटेमिक कुरमी/कुड़मी समाज के बैनर तले संसद भवन का घेराव किया गया. झारखंड सहित ओड़िशा-पश्चिम बंगाल कुड़मी नेताओं ने संसद भवन के घेराव के क्रम में दिल्ली के जंतर-मंतर पर शक्ति प्रदर्शन किया. एसटी की सूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर हुंकार भरी है.

प्रदर्शन में पश्चिम बंगाल के मंत्री श्रीकांत महतो, ओड़िशा के सांसद ममता मोहंता, झारखंड से शैलेंद्र महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विद्युतवरण महतो, रामटहल चौधरी, विधायक डॉ लंबोदर महतो, जेपी भाई पटेल सहित कई महतो नेता दिल्ली पहुंचे. पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी भी समर्थन में आये.

इधर, प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि कुड़मी समाज की अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग वर्षों पुरानी है. आजादी के पहले कुड़मी समाज जनजाति वर्ग में शामिल था, लेकिन छह सितंबर 1950 को केंद्र सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जनजाति की सूची से कुड़मी समाज को बाहर कर पिछड़े वर्ग में शामिल कर दिया गया.

इस वर्षों पुरानी गलती को दूर करने के लिए कुड़मी समाज आंदोलनरत है. वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कुड़मी समाज को जनजाति वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था, जो आज भी लंबित है. जबकि, हाल में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश की कई जातियों को जनजाति वर्ग में शामिल करने का फैसला लिया है. ऐसे में हमारी मांग माने जाने तक कुड़मी समाज का आंदोलन जारी रहेगा.

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