जब मित्रों का कर्ज़ माफ़ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्यूँ नहीं?-राहुल गाँधी
किसानो पर 16.80 लाख करोड़ का क़र्ज़ सरकार का क़र्ज़ माफ़ी का कोई इरादा नहीं !
किसानो के आंदोलन को अब 9 महीने से ज़्यादा का समय बीत चुका है किसानो आंदोलन में 500 से ज़्यादा किसानो की जान जा चुकी है देश में किसानो की हालत ज़मीन पे उतनी अच्छी नहीं जितनी सरकार के कागज़ो में है ! ज़्यादातर सरकारी फायदे ज़रूरतमंद किसानो को नहीं मिलते क्यूंकि वे सरकारी मापदंडो को पूरा नहीं करते जिसके चलते किसान लगातार क़र्ज़ के दलदल में फंसता चला जा रहा है !.सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार देश के किसानो पर 16.80 लाख करोड़ का क़र्ज़ है और सरकार का क़र्ज़ माफ़ी का कोई इरादा नहीं है .सरकार के इस जवाब के जवाब में कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक ट्वीट कर सरकार पर तंज़ किया है जिसमे उन्होंने लिखा है
मित्रों का कर्ज़ माफ़ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्यूँ नहीं
“जब मित्रों का कर्ज़ माफ़ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्यूँ नहीं?
किसानों को कर्ज़-मुक्त करना मोदी सरकार की प्राथमिकता नहीं है।
ये सरासर अन्याय है”
जब मित्रों का कर्ज़ माफ़ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्यूँ नहीं?
किसानों को कर्ज़-मुक्त करना मोदी सरकार की प्राथमिकता नहीं है।
ये सरासर अन्याय है।#WhyBJPhatesFarmers pic.twitter.com/SiUK4kZ8Om
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 28, 2021