मोदी के फेल नोटबंदी ,खराब GST,काला किसान अध्यादेश जैसे असफल तानशाही फरमान के बाद एक बार फिर फेल हुई अग्निपथ स्कीम,ट्रेनिंग ले रहे कई युवा ट्रेनिंग बीच में छोड़कर चले गए हैं.
मोदी के फेल नोटबंदी ,खराब GST,काला किसान अध्यादेश जैसे असफल तानशाही फरमान के बाद एक बार फिर फेल हुई अग्निपथ स्कीम,ट्रेनिंग ले रहे कई युवा ट्रेनिंग बीच में छोड़कर चले गए हैं.
अग्निवीर जल्द ही भारतीय सेना की अग्निपथ योजना के तहत विभिन्न इकाइयों में शामिल हो जाएगा। पहले बैच की ट्रेनिंग खत्म हो चुकी है और दूसरे बैच की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. पहला बैच अगले महीने भारतीय सेना में शामिल हो जाएगा.
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि पहले बैच में 50 से ज्यादा युवाओं ने ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ दी और दूसरे बैच में भी यही हाल है. उनका कहना है कि ट्रेनिंग का खर्च युवाओं से लिया जाएगा, इसलिए ट्रेनिंग में वही युवा शामिल होंगे जो सेना में भर्ती होने को लेकर गंभीर हैं.
अधिकारी ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण बीच में छोड़ने के लिए युवाओं ने कई कारण बताये हैं. कुछ को 30 दिन या उससे अधिक समय तक चिकित्सा अवकाश पर रहने के कारण बाहर निकाल दिया गया। कुछ ने बेहतर अवसर का हवाला देते हुए प्रशिक्षण बीच में ही छोड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि सेना में नियम है कि अगर कोई 30 दिन से ज्यादा ट्रेनिंग से गैरहाजिर रहता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.
फिलहाल सेना में ट्रेनिंग बीच में छोड़ने का कोई नियम नहीं है लेकिन अब सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लाने की सोच रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीच में ट्रेनिंग छोड़ने वालों से ट्रेनिंग का खर्च वसूला जाएगा.
कुछ को तो 30 दिन या उससे अधिक की मेडिकल लीव में रहने की वजह से ही बाहर कर दिया गया. क्योंकि सेना में नियम है कि 30 दिन से अधिक ट्रेनिंग में अनुपस्थित रहता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. वहीं कुछ युवाओं ने बेहतर मौका मिलने को वजह बताते हुए ट्रेनिंग छोड़ दी.