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“मोदी का मास्टरस्ट्रोक “:सीना तान के चलने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था “56” के सामने थर थर काँपी, GDP ग्रोथ में भारी गिरावट और राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.91 लाख करोड़ रुपए हुआ,5 फीसदी से नीचे आई Q3 जीडीपी !

"मोदी का मास्टरस्ट्रोक ":सीना तान के चलने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था "56" के सामने थर थर काँपी, GDP ग्रोथ में भारी गिरावट और राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.91 लाख करोड़ रुपए हुआ,5 फीसदी से नीचे आई Q3 जीडीपी !

बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कमजोर मांग और उच्च मुद्रास्फीति के कारण चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार दूसरी तिमाही में गिरकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई है।

2022-23 की सितंबर-तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में देखी गई दूसरी तिमाही की वृद्धि 13.2 प्रतिशत की वृद्धि का लगभग आधा था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 की आखिरी तिमाही के लिए 4.4 फीसदी की ग्रोथ रेट का सुझाव दिया था, हालांकि यह प्रक्षेपण केंद्रीय बैंक द्वारा 6.8 प्रतिशत के वार्षिक जीडीपी अनुमान पर आधारित था।

पिछले महीने जारी जीडीपी के पहले अग्रिम अनुमान में 2022-23 के लिए 7 फीसदी की वृद्धि का सुझाव दिया गया था। मंगलवार को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए 7 फीसदी की वृद्धि दर बरकरार रखी गई है।

चालू वित्तवर्ष के पहले 10 महीनों में राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.91 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि 2022-23 के पूरे वर्ष के लक्ष्य का 67.8 प्रतिशत था। लेखा महानियंत्रक द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई। पिछले वर्ष की इसी अवधि के लिए राजकोषीय घाटा पिछले वित्तवर्ष के लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत था। सरकार ने केंद्रीय बजट में 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 16.61 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 17.55 लाख करोड़ रुपये कर दिया था।

 

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