ये बिल राजीव गांधी का सपना, खुद मेरी जिंदगी का ये मार्मिक क्षण-महिला आरक्षण बिल सोनिया गांधी !
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है। सदन में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी बोल रही हैं। सोनिय गांधी ने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे। आज उसी का नतीजा है, कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं का सफर बहुत लंबा रहा है। आखिर महिलओं ने मंजिल को छू ही लिया है। महिलाओं ने जन्म दिया, परिवार चलाया। महिलाओं ने पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाया। असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए। लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा। भारतीय स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है, उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की कभी शिकायत नहीं की। सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। मुश्किल समय में हिमालय की तरह डंटी रही। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती और थकना भी नहीं जानती।
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उन्होंने कहा कि हमारे महान देश की मां स्त्री है। स्त्री ने सिर्फ हमें जन्म ही नहीं दिया है। अपने आंसू और खून पसीने से सींचकर हमें अपने बारे में सोचने लायक, बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है। स्त्री की मेहनत, गरिमा और स्त्री की पहचान करने के बाद ही हम मनुष्यता की परीक्षा में पास हो सकते हैं।
"It is ours, अपना है" #WomenReservationBill पर CPP अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी । pic.twitter.com/BUIXHoiXMo
— News Network 24×7 (@24x7_network) September 19, 2023
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने की खुशी है, लेकिन एक चिंता भी है। मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का यह इंतजार हो। हमारी मांग है कि यह बिल तुरंत पास किया जाए। लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए। इस बिल में देरी नहीं करना महिलाओं के साथ अन्याय होगा।