स्वतंत्र विचार

पैनी नजर वाली, चुटीली, और बेहद शालीन व् संयमित व्यंग्यकार जिनको सुनकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी कुमारी मेदुससा

पैनी नजर वाली, चुटीली, और बेहद शालीन व् संयमित व्यंग्यकार जिनको सुनकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी कुमारी मेदुससा

वर्तमान समाज में व्याप्त अव्यस्थाओं को देखकर कभी-कभी मन व्यथित हो जाता है, चाहे वह अव्यवस्था सामाजिक, राजनितिक, आर्थिक या धार्मिक हो मन इन अव्यवस्थाओं का प्रतिकार करना चाहता है परन्तु किन्हीं व्यक्तिगत कारणों से हम इनका प्रतिकार नहीं कर पाते और ये भावनाएँ मन के किन्ही कोने में संचित होने लगती है। व्यंग्यकार इन्ही संचित भावनाओं को व्यंग्य के माध्यम से समाज में लाने का प्रयास करता है।

और यही बेहद कुशल तरीके से किया है ने अपने राजनैतिक व्यंग के चलते रातों रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और उनके वीडियो को लाखो की संख्या में लोग देख व् पसंद कर रहे है !

कुमारी मेदुससा की सबसे अच्छी बात ये है की उनके व्यंग बेहद सटीक व् संयमित होते है ,बिना किसी अमर्यादित या असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किये बिना जिस तरीके से वो अपनी बात कहती है वो आज के ज़माने में काबिल ए तारीफ है.
देश के सबसे लोकप्रिय टीवी चॅनेल दूरदर्शन पर के दशक में जिस मधुर शांत व् सौम्य अंदाज़ में ख़बरें पढ़ी जाती है उनकी याद बरबस ताज़ा हो उठती है छोटे छोटे शब्दों और वाकयों का दुखदर्शन के ज़रिये  वर्णन बेहद चुटीले अंदाज़ में करना उनके व्यंग की परिपक्वता दर्शाता है !

के ज़रिये

 

व्यंग्य साहित्यकारों का वह अस्त्र है जिसक माध्यम से वह समस्त कटुताओं को काटने का प्रयास करता है। हँसी भी आये और लक्षित के मर्मस्थल पर चोट भी पहुँचे यही व्यंग्य का सबसे बड़ा कर्म है।

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