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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान से भी फिसड्डी भारत, मोदी सरकार ने आंकड़े को ही बता दिया झूठा, कहा छवि बिगाड़ने की कोशिश !

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान से भी फिसड्डी भारत, मोदी सरकार ने आंकड़े को ही बता दिया झूठा, कहा छवि बिगाड़ने की कोशिश !

कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ ने 121 देशों का ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2022 जारी किया है. जिसमें भारत (India) को 107वें स्थान पर रखा गया है. इस रिपोर्ट को लेकर कई विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए इसे खारिज कर दिया है. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.

1. आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ ने शनिवार (15 अक्टूबर) को ये ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया है. इसमें भारत की रैंकिंग 107 है. पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं. एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है.

वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के जरिए वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर भूख पर नजर रखी जाती है और उसकी गणना की जाती है. 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है. भारत 2021 में 116 देशों में 101वें नंबर पर था जबकि 2020 में वह 94वें पायदान पर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे अधिक भूख के स्तर वाले क्षेत्र, दक्षिण एशिया में बच्चों में नाटापन की दर (चाइल्ड स्टंटिंग रेट) सबसे अधिक है. इसमें कहा गया है, ‘‘भारत में चाइल्ड वेस्टिंग रेट 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक है और भारत की बड़ी आबादी के कारण यह इस क्षेत्र के औसत को बढ़ाता है.’’

3. केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को खराब करने का प्रयास है. भारत की छवि को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में दिखाया गया है जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है. गलत सूचना साझा करना वैश्विक भूख सूचकांक की पहचान बनता दिख रहा है. केंद्र ने कहा कि सूचकांक गंभीर गणना प्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है और इसकी गणना त्रुटिपूर्ण है.

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