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अमृत काल में विश्व गुरु भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में ज़बरदस्त गिरावट, विदेशी मुद्रा भंडार 32.9 करोड़ डॉलर से घटकर 578.45 अरब डॉलर पर

अमृत काल में विश्व गुरु भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 32.9 करोड़ डॉलर से घटकर 578.45 अरब डॉलर पर

अमृत काल में विश्व गुरु भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मार्च को समाप्त सप्ताह में 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 578.45 अरब डॉलर रहा। इस गिरावट का कारण स्वर्ण आरक्षित भंडार में कमी आना है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह कहा।

इससे पिछले दो सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में पर्याप्त वृद्धि देखने को मिली थी तथा 24 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 5.98 अरब डॉलर बढ़कर 578.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वित्तवर्ष 2022-23 में कुल विदेशीमुद्रा भंडार में 28.86 अरब डॉलर की गिरावट आई है।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में देश का कुल विदेशीमुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट आई थी।

रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च को समाप्त सप्ताह में, मुद्राभंडार का अहम हिस्सा, विदेशीमुद्रा आस्तियां 3.6 करोड़ डॉलर घटकर 509.691 अरब डॉलर रह गयी।

डॉलर में अभिव्यक्त किये की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 27.9 करोड़ डॉलर घटकर 45.20 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.392 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार 1.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.165 अरब डॉलर हो गया।

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