झारखण्ड

झारखंड राज्य का बजट पेश झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए नहीं दे रही मोदी सरकार ,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पैसा नहीं मिला तो कानूनी कार्रवाई करने का इशारा !

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सोमवार को राज्य विधानसभा में कुल 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट भाषण के दौरान केंद्र के पास झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया होने का दावा दोहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार केंद्र से बकाया राशि की मांग कर रहे हैं। अगर राज्य का पैसा नहीं मिला तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र का बकाया पैसा नहीं मिलने की वजह से कई विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। केंद्रांश मद की राशि भी राज्य को कम उपलब्ध कराई जा रही है। इस वर्ष पेश किए गए बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में 12.81 प्रतिशत ज्यादा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2029 तक राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 10 ट्रिलियन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल राज्य की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन की है। नए वित्तीय वर्ष में 11,253.44 करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया गया है। आर्थिक विकास दर स्थिर मूल्यों पर 7.5 फीसदी एवं वर्तमान मूल्य पर 9.9 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। सरकार ने इस वर्ष के बजट को ‘अबुआ बजट’ (अपना बजट) नाम दिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ”आज अबुआ सरकार का बजट जन-जन की आकांक्षाओं और युवा झारखंड के सतत विकास के संकल्प के साथ जनता को समर्पित किया जा रहा है। यह बजट झारखंड के समग्र विकास का रोडमैप है।”

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