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“सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो। मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है” -पवन खेड़ा

"सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो। मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है" -पवन खेड़ा

रामसेतु पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। ‘आदम का पुल’ के नाम से मशहूर इस सेतु को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में बयान दिया है।

 

दरअसल इस मुद्दे को हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में उठाया था। कार्तिकेय शर्मा ने भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र में बने कथित रामसेतु के ढांचे के वैज्ञानिक अनुसंधान को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार “भारत के गौरवशाली इतिहास पर कोई वैज्ञानिक शोध कर रही है क्योंकि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर लगातार ध्यान नहीं दिया।” इसे लेकर केंद्र ने संसद में कहा की सरकार लगातार प्राचीन द्वारका और ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि हमारे सांसद ने रामसेतु को लेकर सवाल उठाया। इसे लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं। क्योंकि यह करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है। हम जिस पुल की बात कर रहे हैं वह लगभग 56 किमी लंबा था।” उन्होंने कहा, “स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमें पता चला कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े मिले हैं। इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता को दिखाती हैं। समुद्र में कुछ आइलैंड और चूना पत्थर जैसी चीजें भी मिली हैं। साफ शब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है।”

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो। मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है।” बता दें कि प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण में, यह उल्लेख किया गया है कि राम सेतु का निर्माण भगवान राम और उनकी सेना ने श्रीलंका पर चढ़ाई के लिए किया था। इसलिए, इसका महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।


 

 

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