असम

काजीरंगा ‘इवनिंग सफारी’: कानून तोड़ने पर असम के मुख्यमंत्री, जग्गी वासुदेव,राज्य के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और अन्य की तत्काल गिरफ्तारी की मांग !

काजीरंगा 'इवनिंग सफारी': कानून तोड़ने पर एक्टिविस्ट ने असम के मुख्यमंत्री, सदगुरु पर निशाना साधा !

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और सद्गुरु समेत अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है। आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोलाघाटा जिले के बोकाखाट थाने में राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित गांवों के निवासियों ने पिछले दिन अंधेरे में जीप सफारी करने पर एक शिकायत दर्ज करवाई है।

नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला केएनपी वन विभाग के तहत आता है, इसलिए हमने उद्यान के संभागीय वन अधिकारी  से आरोप की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।’ उन्होंने कहा कि लोगों को आरोप लगाने का अधिकार है और इसी आधार पर जांच की जाएगी।

अधिकारी ने शाम के बाद जीप सफारी के आरोप का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह एक आधिकारिक कार्यक्रम था और कभी-कभी, इस तरह के आयोजन थोड़ी देर से चलते हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि हम इसे कानून का उल्लंघन कह सकते हैं।

शिकायत उद्यान के पास के मोरोंगियाल और बलिजन गांवों के निवासी सोनेश्वर नारा और प्रबीन पेगू ने दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शाम के बाद हेडलाइट्स के साथ जीप सफारी करना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन है।

शिकायतकर्ताओं ने सद्गुरु जगदीश जग्गी वासुदेव, हिमंत बिस्वा सरमा, राज्य के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और अन्य की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

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