झारखण्ड

Jharkhand: राज्यपाल के एटम बम वाले बयान पर झामुमो ने किया पलटवार,:झामुमो ने कहा- बम का जवाब तीर – धनुष से देते हैं झारखंडी !

Jharkhand: राज्यपाल के एटम बम वाले बयान पर झामुमो ने किया पलटवार,:झामुमो ने कहा- बम का जवाब तीर - धनुष से देते हैं झारखंडी !

झारखंड की राजनीति में राज्यपाल के इस बयान ने राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है। लंबे समय से शांत रही राजनीतिक चर्चा एक बार फिर तेज हो गयी है। सवाल वही पुराना, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी रहेगी या जायेगी ? इस सवाल का जवाब अब खनिज लीज से जुड़े मामले में चुनाव आयोग की दूसरी राय में होगा।

गौरतलब है कि कल राज्यपाल ने खनिज लीज मामले में रायपुर में एक इलेक्ट्राॅनिक चैनल को दिये बयान में कहा था कि वह सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं. ओपिनियन आने के बाद निर्णय लेंगे. श्री बैस ने बातचीत के दौरान कहा था कि दिल्ली में पटाखे पर प्रतिबंध है, झारखंड में नहीं. हो सके एक-आध एटम बम फट जाये. वहीं दूसरी तरफ चांडिल के धातकीडीह स्थित अपने ननिहाल सोहराय पर्व मनाने पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन से जब बंद लिफाफे के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लिफाफे को बंद ही रहने दें. सोहराय और छठ पर्व धूमधाम से मनायें.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता तनुज खत्री ने कहा, राज्यपाल के इस बयान से साफ हो गया कि देश की संवैधानिक संस्था का इस्तेमाल केंद्र कर रहा है। राज्यपाल ने सेकेंड ओपिनियन के लिए भेजा है। एक बार जब चुनाव आयोग ने इस पर अपनी राय दे दी, तो फिर क्यों चुनाव आयोग से राय मांगी गयी ? साफ है कि इससे चुनाव आयोग के मंतव्य को बदलने की कोशिश है।केंद्र अपना राजनीतिक फायदा देख रहा है जाहिर है कि पहले वाले चुनाव आयोग के मंतव्य में कोई ऐसी बात नहीं होगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है, जो रातों रात सरकार बनाती औK बिगाड़ती है। अगर चुनाव आयोग के मंतव्य में ऐसा कुछ होता तो भाजपा अब तक चुप नहीं होती। इस मामले में जितना भी ओपिनियन ले लें, जनता ने जो ओपिनियन दिया है वह पांच सालों के लिए दिया है। झारखंड प्राकृतिक रूप से अपनी पहचान रखता है और यहां के लोग तीर – धनुष चलाना जानते हैं। इतिहास गवाह है कई बम का जवाब तीर – धनुष से दिया गया है।

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