राष्ट्रीय

रस्सी को सांप बताकर मुसलमानो को डराने के अलावा कुछ नहीं है CAA की असलियत ,जानिये चार साल बाद चुनाव के ठीक पहले मोदी-शाह द्वारा लाये गए CAA जैसे गैर जरुरी विभाजनकारी कानून की हकीकत !

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा है कि इसे लागू कर मोदी सरकार ने अपनी गारंटी पूरी कर दी है और जो कहा सो किया।


भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की पूरी यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए इस पोस्ट में बताया, “भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 संसद में पेश किया गया। 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। राष्ट्रपति द्वारा 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी मिलते ही सीएए कानून बना और 11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने सीएए की अधिसूचना जारी की।”

 

आपको बता दें नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को दिसंबर 2019 में संसद ने मंजूरी दी थी. चार साल बाद चुनाव के ठीक पहले इसे अब लागू किया जाना कोई संयोग नहीं, मोदी जी की मजबूरी है

सीएए केवल पड़ोसी देशों के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रक्रिया को तेज़ करने में सक्षम बनाता है जो 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं। भेदभावपूर्ण होने के अलावा, यह कानून अनावश्यक है, क्योंकि नागरिकता मांग रहे योग्य लोगों को वर्षों पहले सरकार द्वारा सीधे नागरिकता प्रदान की जा सकती थी इसके लिए किसी नए कानून की कोई आवश्यकता है ही नहीं हाँ उस से ध्रुवीकरण नहीं हो पाता।

 

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