नोएडा में लिफ्ट टूटने से महिला की मौत : पुलिस की लाठीचार्ज से एक बच्चा घायल, मरने से पहले 50 मिनट तक लिफ़्ट में फंसी रही थी सुशीला देवी !
नोएडा में लिफ्ट टूटने से महिला की मौत : पुलिस की लाठीचार्ज से एक बच्चा घायल, मरने से पहले 50 मिनट तक फंसी रही थी सुशीला देवी !
नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियरा सोसाइटी में बड़ा हादसा हुआ है। सोसायटी के टावर नंबर-24 के फ्लैट नंबर-803 में सुशीला देवी अपने बेटे और बहू के साथ यहां रहती थीं। बृहस्पतिवार शाम करीब पांच बजे सैर के लिए लिफ्ट से नीचे आई थी। शाम करीब साढ़े छह बजे वापस जाते समय अचानक लिफ्ट का तार टूट गया। लिफ्ट माइनस-2 में आकर रुकी। किसी तरह लोगों को हादसे की जानकारी मिली तो उन्होंने मेंटनेंस विभाग को सूचना दी।
सुरक्षाकर्मी और मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारी लिफ्ट को खोलने में जुट गए। इसमें करीब 45 मिनट लगे। जब लिफ्ट खुली तो देखा कि सुशीला देवी बेहोश पड़ी है। उन्हें तत्काल उपचार के लिए पास के सेक्टर-137 स्थित फेलिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत्यु घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचायतनामा भर आवश्यक कार्रवाई शुरू की है। जानकारी के मुताबिक लिफ्ट पहले आठवें तल पर पहुंची। जहां गेट खुलने से पहले उसका तार टूट गया। इस कारण लिफ्ट सीधा माइनस-2 में जाकर गिरी। तार टूटने के कारण तेज झटका लगने के बाद संतुलन बिगड़ने से बुजुर्ग महिला की मौत हुई है।
घटना से सोसायटी के लोगों में गुस्सा हैं। हादसे की जानकारी मिलने के बाद सोसायटी के लोग बड़ी संख्या में जमा हुए। निवासियों ने घटना पर रोष जाहिर किया है। निवासियों का आरोप है कि सोसायटी में मेंटेनेंस की स्थिति बहुत खराब है। लिफ्ट रखरखाव उचित ढंग से नहीं किया जाता है। इसी का नतीजा है कि हादसा हुआ है। इस बारे में पूर्व में कई बार मेंटनेंस विभाग को शिकायत की गई थी, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।
हादसे के तुरंत बाद मेंटनेंस विभाग को जानकारी दी गई, लेकिन कर्मचारी वक्त पर नहीं पहुंचे। हाइराइज इमारतों में लिफ्ट लाइफलाइन की तरह होती हैं, लेकिन इनका रखरखाव अच्छा नहीं हो तो जानलेवा साबित हो सकती हैं। कुछ ऐसे ही हालात यहां बने हुए हैं। सोसाइटी के निवासियों ने मेंटेनेंस विभाग के जिम्मेदारों कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं। मौके पर मौजूद कोतवाल, एसीपी देर रात तक लोगों को शांत कराने में लगे रहे। सोसायटी के लोगों के साथ पुलिस अधिकारियों की बहस हुई। महिलाओं को शांत कराने पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।