पुरे देश में हर्षोल्लास व् प्यार के साथ मनाया जा रहा है ईद उल-अजहा (बकरीद ) का त्योहार, !
पुरे देश में हर्षोल्लास व् प्यार के साथ मनाया जा रहा है ईद उल-अजहा (बकरीद ) का त्योहार, !
ईद-उल-अदहा यानी बकरीद का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात हैं. पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया. सड़कों पर नमाज और प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर रोक लगाई गई है. नमाज स्थल और संवेधनशील जगहों पर CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है.
मुस्मिल धर्म में इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जुल-हिज्जा की 10 तारीख को ईद उल-अजहा का पर्व मनाया जाता है. 19 तारीख को जुल-हिज्जा महीने का चांद नजर आ गया था. जिसके बाद 29 जून 2023 को ईद मनाना तय किया गया था. आज देश दुनिया में ईद उल-अजहा का पर्व मनाया जा रहा है. ईद उल-अजहा के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है यहीं वजह है कि इसे बकरीद भी कहा जाता है. चलिए आज बकरीद पर आपको कुर्बानी के महत्व और नियमों के बारे में बताते हैं
ईद उल-अजहा का दिन कु्र्बानी का दिन माना जाता है. इस दिन मुस्लिमों को अपने दिल के करीब की किसी वस्तु को अल्लाह की राह में कुर्बान करने का पैगाम दिया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, एक बार हजरत ने एक बार इब्राहिम के सपने में आकर प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी थी. उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देना तय किया. हालांकि वह ऐसा करते हुए नहीं देख पाते इसलिए आंख पर पट्टी बांधकर कुर्बानी दी थी. लेकिन जब आंख खोली तो देखा कि उनका बेटा सही है और एक भेड़ वहां कुर्बान पड़ा है. तभी से बकरे और जानवरों की कुर्बानी दी जाती है.