राष्ट्रीय

अगर घोटाले हुई ही नहीं,सब काम तय टेंडर से कम में हुए घोटाले के आरोप केवल विपक्ष के तो फिर एक के बाद एक लगातर तीन CAG के अधिकारियों के तबादले क्यों ?

आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी CAG के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है।

 

कांग्रेस कांग्रेस  के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी CAG के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मोदी सरकार सच को छुपाने और डराने-धमकाने के लिए माफ़िया की तरह काम करती है। यदि कोई उसके भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों को सामने लाता है, तो या तो उन्हें धमकी दी जाती है या हटा दिया जाता है। उसके ताज़ा शिकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के तीन अधिकारी हैं, जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटालों का ख़ुलासा किया था।“


 

जयराम रमेश आगे लिखा, “सीएजी रिपोर्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया गया था। रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे में 1400% लागत बढ़ने और टेंडरिंग में धांधली सामने आई थी। साथ ही साथ हाईवे परियोजनाओं से 3,600 करोड़ रुपए की हेराफेरी, दोषपूर्ण बोली प्रक्रिया और भारतमाला योजना की लागत 60% बढ़ने की बात भी रिपोर्ट में थी। इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट में मृत मरीज़ों के लाखों क्लेम्स और कम से कम 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए। अब, आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी सीएजी के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है।“

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