राष्ट्रीय

परिनिर्वाण दिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम को किया याद, अधूरे मिशन को पूरा करने का लिया संकल्प

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने सोमवार को पार्टी संस्थापक कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। मायावती ने कहा कि कांशीराम ने ‘बहुजन समाज’ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने और अपने पैरों पर खड़ा होने में उसकी मदद करने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में मायावती ने कहा कि कांशीराम के संघर्ष की बदौलत ही बसपा उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता में आई। बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘…बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के स्वाभिमान आंदोलन को जीवित रखने वाले मान्यवर कांशीराम जी को आज उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।’’


 

मायावती ने कहा, ‘‘उन्होंने (कांशीराम ने) ‘बहुजन समाज’ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। उनके संघर्ष के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा की चार बार सरकार बनी और सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक मुक्ति की मजबूत नींव रखी गई।

मायावती ने कहा कि देशभर में बसपा के लोग ‘‘बहुजन नायक’’ को याद करते हैं और पार्टी कांशीराम के मिशन को पूरा करेगी, जिसके लिए संघर्ष जारी है। पंजाब के रूपनगर में 15 मार्च 1934 को जन्मे कांशीराम ने पिछड़े वर्गों के उत्थान और राजनीतिक एकजुटता के लिए काम किया।

उन्होंने 1971 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4), अखिल भारतीय पिछड़ा (एससी/एसटी/ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बीएएमसीईएफ) और 1984 में बीएसपी की स्थापना की। नौ अक्टूबर 2006 को दिल्ली में उनका निधन हो गया। कांशीराम 1996 से 1998 तक पंजाब के होशियारपुर से और 1991 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा सांसद रहे। वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा सदस्य

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