सुप्रीम कोर्ट ने पेपर बैलेट वोटिंग, पूर्ण ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन और वीवीपैट पर्चियों को भौतिक रूप से जमा करने की को लेकर खारिज की सभी याचिकाएं, !

दूसरे चरण के मतदान के बीच सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट पर फैसला आ गया है। VVPAT को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सभी याचिकाएं, बैलेट पेपर की मांग ठुकरा दी। फैसले के बाद वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “हमने कहा कि ईवीएम में प्रोग्रामेबल मेमोरी होती है क्योंकि सिंबल लोडिंग होती है और इसीलिए, अगर आपने कोई दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम अपलोड किया है तो उसमें हेरफेर किया जा सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि वीवीपैट का पेपर ट्रेल ऑडिट किया जाए।”
उन्होंने कहा, “सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाती है, क्योंकि वीवीपैट में भी काला शीशा लगाया गया था, इसलिए हम अनुरोध कर रहे थे कि इसे पारदर्शी शीशे से बदल दिया जाए या पर्ची को मतदाता को सौंप दिया जाए और फिर मतपेटी में डाल दिया जाए ताकि बाद में इसकी गिनती की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी सभी मांगें खारिज कर दीं और कहा कि अगर सभी बैलेट पेपर पर बारकोड लगाया जाए तो इसकी जांच की जाए कि क्या इसकी गिनती मशीन से की जा सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को भी कम से कम 45 दिनों के लिए सील कर दिया जाना चाहिए ताकि अगर कोई याचिका दायर हो और कोर्ट कुछ आदेश दे तो उसका ध्यान रखा जा सके।”