राजस्थान चुनाव से पहले “बलात्कार और हत्या” के दोषी राम रहीम पर फिर मेहरबान हुई हरियाणा सरकार, 21 दिन की फरलो पर जेल से हुआ रिहा !
राजस्थान में 5 दिन बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर हरियाणा की बीजेपी सरकार रोहतक के सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम पर मेहरबान हो गई है। हरियाणा सरकार ने एक बार फिर राम रहीम की 21 दिन की फरलो पर रिहाई को मंजूरी दे दी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ गया है। उसके बाहर आने को पांच दिन बाद होने वाले राजस्थान चुनाव और अगले साल होने वाले हरियाणा चुनाव से जोड़ा जा रहा है।
दरअसल, ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी चुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल दी गई है। इससे पहले हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर उपचुनाव के पहले भी राम रहीम को पैरोल पर छोड़ा गया था। इससे पहले जुलाई में भी हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 30 दिनों की पैरोल दी थी। हालांकि, जब भी इस पर सवाल उठाए जाते हैं तो हरियाणा सरकार और उसके अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं।
इस बार फरलो के दौरान राम रहीम यूपी के बागपत के बरनावा आश्रम में रहेगा। राम रहीम की फरलो के लिए इस बार बीमार मां, गोद ली हुई बेटियों की शादी और खेतों की देखभाल करने जैसी दलीलें दी गई हैं। इसके अलावा पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम की जयंती और राम रहीम के जन्मदिन को भी फरलो लेने की दलीलों में शामिल किया गया है।
इससे पहले जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम कई बार समर्थकों और अनुयायियों के साथ सत्संग करता नजर आ चुका है, जिसमें कई बार राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज भी नजर आ चुके हैं। वहीं राम रहीम राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया का ही रहने वाला है. हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में उसके कई आश्रम हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अपने समर्थकों के जरिये वो राजस्थान के चुनावी समीकरण पर असर डाल सकता है।