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भारत के मुख्य न्यायाधीश पर भाजपा के दो सांसदों द्वारा की गई ‘‘घृणित टिप्पणियों’’ से ‘BJP की दुरी ‘डैमेज कंट्रोल’:की कवायद–जयराम रमेश

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा उच्चतम न्यायालय की आलोचन किए जाने के बाद पार्टी को खुद से इससे अलग करने की कवायद को कांग्रेस ने ‘‘डैमेज कंट्रोल’’ करार दिया और जानना चाहा कि दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पर दो सांसदों द्वारा की गई ‘‘घृणित टिप्पणियों’’ से ‘‘निवर्तमान बीजेपी अध्यक्ष’’ का दूरी बनाना कोई मायने नहीं रखता।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘निवर्तमान बीजेपी अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के उच्च संवैधानिक पद पर बैठे एक अति विशिष्ट व्यक्ति द्वारा न्यायपालिका पर बार-बार की जा रही अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। क्या इन टिप्पणियों पर उनका कोई मत नहीं है? क्या बीजेपी इन बयानों का समर्थन करती है?’’”निवर्तमान बीजेपी अध्यक्ष का स्पष्टीकरण डैमेज कंट्रोल के अलावा कुछ नहीं है। इससे कोई मूर्ख नहीं बनेगा। यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस के बजाए एंटायर पॉलिटिकल हिपोक्रेसी’ है।”

दरअसल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय पर निशाना साधते हुए कहा था कि कानून यदि शीर्ष अदालत ही बनाएगी तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता।

बीजेपी ने हालांकि अपने सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा उच्चतम न्यायालय और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई तीखी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इन टिप्पणियों को सांसदों के निजी विचार बताकर खारिज कर दिया।

 

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