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किसानों के विरोध के बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज तीसरे दौर की बातचीत !

किसानों के विरोध के बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज तीसरे दौर की बातचीत होगी. इससे पहले 8 और 12 फरवरी को हुई दोनों बैठकें बेनतीजा रही थीं. सरकार की तरफ से एमएसपी पर कानून बनाने की घोषणा से इनकार करने पर बातचीत में नतीजा नहीं निकला था. इसके बाद केंद्र ने किसान नेताओं को तीसरे दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.

बुधवार को दूसरे दिन भी किसानों व सुरक्षाबलों में कई बार झड़पें हुईं. किसानों ने जैसे ही हरियाणा में घुसने की कोशिश की, तो सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले व रबर की गोलियां दागकर उन्हें रोक दिया. दातासिंह वाला सीमा पर रबर की गोलियाें से पांच किसान घायल हैं. सरकार व किसानों में चंडीगढ़ में आज शाम पांच बजे तीसरे दौर की वार्ता होगी. किसानों ने बैठक तक दिल्ली मार्च रोक दिया है, लेकिन हरियाणा की सीमाओं पर 25 हजार से अधिक किसान जमे हुए हैं.

केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की तरफ से एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए कानूनी गारंटी सहित सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक नई समिति गठित करने की पेशकश कर सकते हैं.

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार की बैठक के लिए उन्हें सरकार की तरफ से पत्र के जरिये न्योता मिला है. किसान सरकार से टकराव नहीं चाहते और वार्ता के लिए तैयार हैं. बैठक में किसानों की तरफ से ये दोनों नेता शामिल होंगे, जबकि केंद्र की तरफ से मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल होंगे. सोमवार को चंडीगढ़ में ही किसानों के साथ हुई दूसरे दौर की वार्ता में गोयल और मुंडा शामिल थे.

वहीं, किसानों के साथ तीसरे दौर की वार्ता से पहले नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई. इसमें मुंडा के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कुछ अन्य मंत्री शामिल थे. राजनाथ सिंह पहले कृषि मंत्री रह चुके हैं. बैठक में किसानों के मुद्दे पर समाधान निकालने पर चर्चा की गई.

डल्लेवाल और पंधेर ने बताया कि तीन मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. ये मांगें हैं-एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जमाफी और बिजली अधिनियम रद्द करना. राज्य की सीमा पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती, पुलिस की कार्रवाई और ड्रोन के इस्तेमाल पर भी पंधेर ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं, तो बलप्रयोग क्यों किया जा रहा है.

 

 

 

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